सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय वाक्य
उच्चारण: [ sechechidaanend hiraanend vaatesaayen ajenyey ]
उदाहरण वाक्य
- इसका श्रेय इसके संस्थापक-संपादक श्री सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय को है ।
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय जन्म: 7 मार्च 1911 मृत्यु: 4 अप्रैल 1987 हिन्दी काल:
- उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक कुशीनगर में सात मार्च 1911 को जन्मे अज्ञेय का पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय था।
- ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में गणेश शंकर विद्यार्थी, तकवी शकंर पिल्ले, राजेंद्र माथुर, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय की ज़माने की पत्रकारिता की कल्पना करना मूर्खता होगी।
- ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में गणेश शंकर विद्यार्थी, तकवी शकंर पिल्ले, राजेंद्र माथुर, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय की ज़माने की पत्रकारिता की कल्पना करना मूर्खता होगी।
- अंसारी ने आज यहां सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय की जन्मशताब्दी समारोह का उद् घाटन करते हुए कहा, '' वह (अज्ञेय) मानते थे कि राजनीति पर कविता...
- फलस्वरूप धर्मवीर भारती, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय, धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, राजेंद्र माथुर, मनोहर श्याम जोशी जैसे लेखक सामने आए जो साहित्य और पत्रकारिता दोनों में समानरूप से प्रवीण थे.
- अपने समय की प्रमुख साप्ताहिक पत्रिका दिनमान के प्रारंभ होने पर उसके संस्थापक संपादक श्री सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय ने न सिर्फ कवि सर्वेश्वर में छिपे पत्रकार को पहचाना वरन उन्हें दिनमान की टीम में शामिल किया।
- अपने समय की प्रमुख साप्ताहिक पत्रिका दिनमान के प्रारंभ होने पर उसके संस्थापक संपादक श्री सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय ने न सिर्फ कवि सर्वेश्वर में छिपे पत्रकार को पहचाना वरन उन्हें दिनमान की टीम में शामिल किया ।
- आधुनिक हिंदी साहित्य में अपनी बहुमुखी प्रतिभा विशेषकर कविता के जरिए विशिष्ट छाप छोड़ने वाले साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय ने अपनी परिष्कृत संवेदना से आधुनिक समाज के विभिन्न पक्षों को समझने और उन्हें अभिव्यक्त करने का प्रयास किया।
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